कपालभाती प्राणायाम एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके शरीर को बीमारियों से बचाने में सहायक होती है आप इसे नियमित रूप से कर के बीमारियों से छुटकारा पा सकते हैं | 

इस पोस्ट में आप पढ़ेंगे की कपालभाती प्राणायाम क्या है, कपालभाती प्राणायाम कैसे करे, कपालभाती प्राणायाम कब करे, कपालभाती प्राणायाम के लाभ और सावधानियाँ | 


कपालभाति प्राणायाम क्या है | Kapalbhati Pranayam Kya Hai 


कपालभाती योग प्राणायाम का ही एक प्रकार है, यह हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण औशधि के रूप में काम आ सकता है, यदि आप इसे सही तरीके से एवं सही प्रकार से सही करते हैं तो | 

कपालभाती योग प्रणाली प्राणायाम का ही एक हिस्सा है यह दो शब्दों '' कपाल '' जिसका अर्थ होता है '' माथा '' '' और '' भाति " जिसका अर्थ होता है "तेज़" जिसे चमक भी बोलते हैं। जैसे शब्दों से मिलकर बना है। 

यह बहुत ही सरल योग है जिसे आप जरूर करना चाहिए  


कपालभाति प्राणायाम क्या है और कपालभाति प्राणायाम कैसे करे



कपालभाति प्राणायाम के प्रकार | Kapalbhati Pranayam ke Prakar 


  1. वत्कृपा कपालभाती प्राणायाम 
  2. विमुक्त्स्मिन् कपालभाती प्राणायाम 
  3. शीतकर्मा कपालभाती प्राणायाम | 

कपालभाति प्राणायाम कैसे करे | Kapalbhati Pranayam Kese Kare 

  • सबसे पहले जमीन पर आसन बिछा कराइन की हड्डी को बिलकुल सीधा रखते हुए बैठ जाए | 
  • अब अपनी नाक की मदद से गहरी सास ले | 
  • सास अंदर लेती है अपने पेट को भी अंदर की और ले | 
  • अब अपनी सास को बाहर की और छोड़ते हुए अपने पेट को भी बाहर की और छहोड़े | यह आप 10 - 15 बार सही और फिर अपनी सास को सामान्य अवस्था में आने दे | 
  • अब मन को शांत होने के लिए छोड़ दे | 

कपालभाति प्राणायाम क्या है और कपालभाति प्राणायाम कैसे करे


कपालभाति प्राणायाम के लाभ | Kapalbhati Ke Fayde

कपालभाती प्राणायाम के कई फायदे जो इस प्रकार है -
  • इसके नियमित रूप से अभ्यास करने से शरीर से अतिरिक्त फैट कम होता है जो से वजन कम होता है | 
  • यह कफ , पित्त को संतुलित करता है | 
  • यह डायबिटीज के रोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण योग है | 
  • यह पेट की मांसपेसियों को मजबूत करता है | 
  • यह मन को शांत करता है | 
  • यह हमारे खून को साफ़ करता है | 
  • यह खून में ऑक्सीज़न की मात्रा को बढ़ाता है और खून को साफ़ करता है | 
  • परिसंचरण तंत्र में सुधार करता है | 
  • पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है , जिस से भूख बढ़ती है | 

कपालभाति प्राणायाम करते समय सावधानियाँ | Kapalbhati Pranayam Karte Samay Savdhaniya  

  • यदि आसन करते समय दर्द एवं चक्र आते हो तो यह आसन बंद कर दे और शरीर को आराम दे | 
  • हाई ब्लड प्रेसर से पीड़ित व्यक्ति को कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाइए या डॉक्टर की सलाह लेनी चाइये 
  • जहा पर बहुत ज्यादा धूल , धुँआ हो वहा पर कपालभाति प्राणायाम करने से बचना चाहिए 
  • महिलाओ को  मासिक चक्र के दौरान कपालभाति प्राणायाम करने से बचना चाइये 
  •  गर्भावस्था के दौरान कपालभाति प्राणायाम से बचना चाइये 
  • अगर आप उल्टी , दस्त से पीड़ित है तो आप को कपालभाति प्राणायाम  नहीं करना चाहिए 

कपालभाति प्राणायाम कब करना चाहिए  | When Should Do Kapalbhati Pranayam 


  • कपालभाति प्राणायाम हमेसा भूखे पेट करना चाहिए 
  • यदि आप खाना खा चुके है तो कम से कम आपको 3 - 4 घंटे तक कपालभाति प्राणायाम नहीं करना चाहिए 
  • आपको कपालभाति प्राणायाम  सुबह ताजी हवा में करना चाहिए 
  • पानी पीने के 30 मिनट बाद ही आपको कपालभाति प्राणायाम करना चाहिए 

                                summary 


इस पोस्ट में आपने पढ़ा की कपालभाति प्राणायाम  क्या है, कपालभाती प्राणायाम कैसे करे, कपालभाती प्राणायाम कब करे, कपालभाती प्राणायाम के लाभ और सावधानियाँ | 
अब आप रोजाना आधे घंटे इस योग को कर अपने जीवन को सुगम , सरल बना सकते है